PM Modi Oath: PM मोदी आज लगातार तीसरी बार बनेंगे प्रधानमंत्री, नेहरू के बाद दूसरे नेता

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PM Modi Oath: नरेंद्र मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रचेंगे। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Prime Minister Jawaharlal Nehru) के बाद दूसरे और पहले गैर-कांग्रेसी नेता होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन (President’s House) में भव्य समारोह में मोदी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। मोदी के साथ मंत्रिपरिषद के सदस्य भी शपथ लेंगे। सात देशों के शासनाध्यक्ष, कई देशों के राजदूत-उच्चायुक्त, देश के विभिन्न क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियां समेत करीब आठ हजार लोग इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनेंगे।

अमित शाह और राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ BJP नेताओं का मंत्री बनना लगभग तय है। वहीं, शिवराज सिंह चौहान, बसवराज बोम्मई, मनोहर लाल और सर्बानंद सोनोवाल जैसे लोकसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि नई सरकार में सहयोगी दलों में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के राम मोहन नायडू, जेडीयू के ललन सिंह, संजय झा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, टीडीपी से तीन, जेडीयू से दो और अन्य सहयोगी दलों से एक-एक मंत्री शपथ ले सकते हैं।

महात्मा गांधी-अटल को श्रद्धांजलि दी
PM मोदी शपथ लेने से पहले रविवार सुबह सात बजे राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक सदाव अटल और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। जी-20 जैसी सुरक्षा शपथ ग्रहण समारोह के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन जैसी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। रविवार को दिल्ली हाई अलर्ट पर रहेगी। राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। अर्धसैनिक बलों और दिल्ली सशस्त्र पुलिस की पांच कंपनियों समेत 2500 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। इसके अलावा राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के लिए एनएसजी कमांडो, ड्रोन और स्नाइपर्स की बहुस्तरीय व्यवस्था की गई है। दिल्ली को 9 और 10 जून के लिए पहले ही नो-फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया है। महत्वपूर्ण विभाग भाजपा के पास ही रहेंगे नई सरकार में एनडीए के विभिन्न घटकों के लिए मंत्रिपरिषद में हिस्सेदारी को लेकर भाजपा नेतृत्व और सहयोगी दलों के बीच गहन चर्चा हुई। अमित शाह और राजनाथ के अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने सरकार में प्रतिनिधित्व को लेकर तेलुगू देशम पार्टी के एन चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार और शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत सहयोगी दलों से सलाह मशविरा किया। माना जा रहा है कि गृह, वित्त, रक्षा और विदेश जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा शिक्षा और संस्कृति जैसे दो मजबूत वैचारिक पहलुओं वाले मंत्रालय भाजपा के पास रहेंगे, जबकि उसके सहयोगियों को पांच से आठ कैबिनेट पद मिल सकते हैं।

आम चुनाव में 17 मंत्रियों की हार और निकट भविष्य में राज्यसभा चुनाव न होने के कारण नई कैबिनेट में नए और पुराने चेहरों का संतुलन रहेगा। इस बार प्रतीकात्मक नहीं, मजबूत प्रतिनिधित्व बहुमत से 32 सीट दूर रही भाजपा इस बार 14 सहयोगियों पर निर्भर है। टीडीपी, जदयू, शिवसेना (शिंदे) और लोजपा (रामविलास) की सीटों की संयुक्त संख्या 38 है। ऐसे में इस बार सहयोगियों का मजबूत प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। एक दर्जन मंत्री सहयोगी दलों के हो सकते हैं। राज्य के समीकरणों को ध्यान में रखते हुए भाजपा कुछ ऐसे दलों को प्रतिनिधित्व देने को मजबूर है, जिनके सांसदों की संख्या महज एक है। यूपी का दर्जा घट सकता है, जयंत का प्रतिनिधित्व तय है। एनडीए के बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों का नई सरकार में ज्यादा दबदबा रहेगा। लेकिन, पिछले चुनाव में मंत्रिपरिषद में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व रखने वाले उत्तर प्रदेश का दर्जा घटेगा।

UP से रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का नाम तय माना जा रहा है। महाराष्ट्र और बिहार अहम रहेंगे। महाराष्ट्र में अक्टूबर में जबकि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। चुनौती: सहयोगी दलों से समन्वय मोदी के तीसरे कार्यकाल में सबसे बड़ी चुनौती एनडीए के सहयोगी दलों से समन्वय की होगी। सहयोगी दलों को खुश करते हुए उन्हें सरकार के काम को आगे बढ़ाना होगा और पार्टी के एजेंडे को लागू करना होगा। विपक्षी नेताओं को निमंत्रण कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विपक्षी नेताओं को शनिवार रात समारोह का निमंत्रण मिला। खड़गे ने कहा, हम रविवार सुबह तय करेंगे कि जाना है या नहीं। वहीं, तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि वह समारोह में नहीं जाएंगी

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पहुंचीं, आज कई राष्ट्राध्यक्ष आएंगे
भारत ने पड़ोसी प्रथम नीति और सागर विजन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के सात देशों के राष्ट्राध्यक्षों को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ शनिवार को नई दिल्ली पहुंचे। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड रविवार को आएंगे। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री पीके जगन्नाथ, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी रविवार को भारत पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री मोदी सभी नेताओं के साथ बैठक भी करेंगे।

मुइज्जू ने कहा- यह मेरे लिए सम्मान की बात
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू समारोह में शामिल होने के लिए रविवार को पहुंचेंगे। मुइज्जू ने कहा, यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। इस ऐतिहासिक अवसर पर मेरी पहली भारत यात्रा यह दर्शाएगी कि द्विपक्षीय संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच मुइज्जू का समारोह में पहुंचना महत्वपूर्ण है। पिछले वर्ष नवम्बर में चीन समर्थक मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।

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