Sawan Somwar 2025: आज है सावन का पहला सोमवार, जानें मुहूर्त, महत्व, विशेष पूजा विधि और जलाभिषेक के उपाय

Sawan Somwar 2025: हिंदू धर्म में सावन माह को बेहद खास होता है। खासकर सावन में पड़ने वाले सोमवार का बहुत महत्व होता है। सोमवार भगवान शिव (Bhagwan Shiv) का प्रिय दिन है। मान्यता है कि सावन के सभी सोमवारों पर व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन इसकी पूजा विधि में कोई गलती करने से बचना चाहिए।

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Sawan Somwar 2025: आज सावन का पहला सोमवार है। एक ऐसा पवित्र दिन जो केवल पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं है, हिंदू की संस्कृति, प्रकृति और लोगों से गहराई से जुड़ा हुआ है। श्रावण मास के सोमवार न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह दिन भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की पूजा के लिए समर्पित है।

भगवान शिव का प्रिय दिन सोमवार बेहद खास माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सावन के प्रत्येक सोमवार को श्रद्धापूर्वक व्रत रखता है और भगवान शिव की विधिवत पूजा करता है, उसे जीवन की बड़ी-बड़ी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह पूजा उन लोगों के लिए विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है जो स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिनके विवाह में देरी हो रही है, या जो आर्थिक तंगी या दरिद्रता से घिरे हैं।

सावन सोमवार (Sawan Somwar 2025 Pujan Muhurat) में जलाभिषेक का सर्वोत्तम समय

प्रातः ब्रह्म मुहूर्त से प्रदोष काल तक शिवजी की पूजा की जा सकती है। लेकिन जलाभिषेक का विशेष समय इस प्रकार है:

ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 4:15 से 5 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12 बजे से 12:50 बजे तक

सावन सोमवार पूजन विधि ( Sawan Somwar Pujan Vidhi)
सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। आप घर पर शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं या किसी नजदीकी शिव मंदिर में जा सकते हैं। शिवलिंग का जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, आक-धतूरा और सफ़ेद फूल चढ़ाएँ। “ॐ नमः शिवाय” (Om Namah Shivaya) मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। व्रती दिन भर फलाहार कर सकते हैं और शाम को शिव आरती कर सकते हैं। शाम को फिर से भगवान के मंत्रों का जाप करें और उनकी आरती करें। अगले दिन, सबसे पहले अन्न और वस्त्र दान करें और फिर व्रत पूरा करें।

सावन सोमवार पूजा का धार्मिक महत्व (Sawan Somwar Significance)
सोमवार के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि सोमवार को शिव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की परेशानियाँ दूर होती हैं। अविवाहित कन्याएँ मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए इस व्रत को विशेष श्रद्धा से रखती हैं। यह व्रत नकारात्मक ऊर्जा, रोग और दरिद्रता को दूर करने में सहायक माना जाता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य, संतान और आर्थिक समस्याएँ भी दूर होती हैं। सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा करना सर्वोत्तम होता है। इसमें मुख्य रूप से शिवलिंग की पूजा की जाती है और उस पर जल और बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं।

सावन के पहले सोमवार पर विशेष उपाय (Sawan Somwar Upay)
यदि सावन के पहले सोमवार को श्रद्धा और विधिपूर्वक शिवजी की पूजा की जाए, तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूरी करते हैं। इस दिन किया गया एक छोटा सा उपाय भी जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकता है। प्रदोष काल यानी सूर्यास्त से पहले भगवान शिव की पूजा करने का प्रयास करें। शांत मन से शिवलिंग पर जल की धारा अर्पित करें और साथ ही ताज़ा बेलपत्र, आक-धतूरा और सफ़ेद फूल भी अर्पित करें। पूजा के बाद शिव मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाएँ। यह दीपक घर में समृद्धि, सुख और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। शिवलिंग की कम से कम 7 बार परिक्रमा करें और हर परिक्रमा में “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। अंत में भगवान शिव के चरणों में बैठकर शांत मन से अपनी मनोकामना कहें।

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