Rang: सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने और भाईचारे प्रदर्शित करती फिल्म रंग

Youth Jagran
4 Min Read

नई दिल्ली | समाज को सिर्फ भाईचारे से ही बचाया जा सकता है। सामाजिक सौहार्द न हो तो हमारी सोसाइटी तार तार हो जायेगी।

उसी को ताना-बाना में रखते हुए शॉर्ट फिल्म रंग एक सच्ची सीख देती है।

निर्देशक और लेखक ने परिवेश उस समय का रखा है जब मोबाइल युग नहीं था ।नब्बे के दशक का परिवेश रखा है। एक ब्लॉक में हिंदू मुस्लिम के बीच दंगा हुआ। कर्फ्यू कुछ दिनो तक रहा फिर उसे हटाया गया।ऐसे माहौल में एक मुस्लिम गांव के एक बच्चे की जिद है स्कूल जाने की। पिता अशरफ डरा हुआ है कि ऐसे मोहन में कैसे जाऊं पर बेटे की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वो अगले दिन बेटे को लेकर स्कूल के लिये अपने गांव से सुबह निकलता है। रास्ते में हिंदुओं का गांव आता है और मुस्लिमों का गांव आता है तो वो आत्मसुरक्षा के लिये रंगे का इस्तेमाल करता है गुलाबी और हरा। जब स्कूल पहुचता है तो बाप अशरफ परेशान है कि जिस मकसद के लिये आये थे वो तो पूरा ही नहीं होगा। दरअसल झंडा लाना भूल गया। फिर पिता गुलाबी और हरा कलर से झंडा बनाकर बेटे को देता है तब जाकर पता चलता है कि २६ जनवरी के दिन बच्चे के आने की जिद थी

– निर्देशक सुनील पाल की शॉर्ट फिल्म रंग (Film Review Rang) एक पिता और बेटे के जरिए इमोशन के ताने बाने के साथ बुनी यह कहानी कम समय में आपको उस दुनिया में ले जाती है जहां से बाहर निकल पाना आपके लिए कतई आसान न होगा.

Rang: सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने और भाईचारे प्रदर्शित करती फिल्म रंग

14 मिनट की फिल्म आज भगवा और हरे के बीच बंट चुके सामाजिक माहौल में उन्हीं दो रंगो को एक साथ लाकर तिरंगे में ढाल देने की बात करती है. ऐसी कहानियां आज के नफरत भरे माहौल की सबसे बड़ी जरूरत है जिसके जरिए समाज में सौहार्द और एकता का अलख जगाकर दुनिया को और खूबसूरत बनाया जा सके.

हिंदू मुस्लिम दंगे के बीच एक बेटे और उसके पिता की घर से बाहर निकलने की जद्दोजहद कहानी का मूल केंद्र है. निर्देशक सुनील पाल ने कहानी की मूल भावना को जिस खूबसूरती के साथ दृश्यों में पिरोया है वह वाकई काबिले तारीफ है.

फिल्म में पिता की भूमिका में अभिनेता मानवेंद्र त्रिपाठी ने किरदार की आत्मा को बड़ी खूबसूरती से पर्दे पर उकेर दिया है. भावनात्मक दृश्यों में चेहरे का भाव संप्रेषण मानवेंद्र के संजीदा अभिनय का प्रमाण देता है. बेटे की भूमिका में बाल कलाकार कामरान ने भी उनका भरपूर सहयोग किया है. मां का किरदार अनुरेखा और हैदर की भूमिका रानू ने निभाई है।

फिल्म का एक और पक्ष जो तारीफ का हकदार है वह है इसका खूबसूरत सिनेमैटोग्राफी. डीओपी पी पी सी चक्रवर्ती ने कैमरे से शाम और सुबह के दृश्यों को अच्छा बनाया है

यह भी पढ़ें:

Swami Vivekananda Jayanti 2024 Quotes: स्वामी विवेकानंद की जयंती पर पढ़िए उनके 25 अनमोल विचार, बढ़ाते हैं युवाओं नई ऊर्जा

Bollywood Actress Nora Fatehi: नोरा फतेही का ये बोल्ड लुक देख फैंस को सर्दी में छूटा पसीना, फोटो Social Media पर Viral

BPSC Teacher: बिहार में एक और BPSC Teacher की पकड़ौआ विवाह, नौकरी लगते ही युवक से की जबरदस्ती शादी

Share This Article
Leave a comment
Malaika Arora 51 की उम्र में पहनी बैकलेस ड्रेस, Social Media पर Viral हनुमान जी की पूजा करने के कई तरीके हैं जय श्री कृष्ण जी मोनालिसा ने सोशल मीडिया पर लगाई आग मोनालिसा फोटो शेयर कर सोशल मीडिया पर लगाई आग