Lemon: नींबू विटामिन सी (vitamin C) का एक अच्छा स्रोत है, जो सर्दी-ज़ुकाम से लड़ने में मदद करता है। नींबू का रस पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और पेट की समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी और पेट फूलना कम कर सकता है।
नींबू मेटाबॉलिज़्म को बढ़ावा दे सकता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। नींबू का पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को चमकदार बनाते हैं।
नींबू (Lemon) बेहद अम्लीय होता है। इसका ज़्यादा सेवन आपके दांतों के इनेमल को नुकसान पहुँचा सकता है, जिससे दांतों की संवेदनशीलता और कैविटी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में ज़रूरी है कि नींबू पानी पीने के बाद सादे पानी से कुल्ला करें या स्ट्रॉ का इस्तेमाल करें।
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जिन लोगों को पहले से ही एसिडिटी (acid) या सीने में जलन की समस्या है, उन्हें ज़्यादा नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड इन समस्याओं को बढ़ा सकता है, खासकर खाली पेट सेवन करने पर। कुछ शोध बताते हैं कि यह पेप्सिन एंजाइम को सक्रिय कर सकता है, जिससे सीने में जलन की समस्या बढ़ जाती है।
नींबू एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है, यानी यह बार-बार पेशाब आने का कारण बन सकता है। ज़्यादा सेवन से शरीर में डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है। साइट्रिक एसिड के अलावा, इसमें कुछ मात्रा में ऑक्सालेट भी होता है। ज़्यादा नींबू का सेवन करने से कुछ लोगों में ऑक्सालेट क्रिस्टल के रूप में जमा हो सकता है, जिससे गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ जाता है।
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कुछ शोधों से यह भी पता चला है कि नींबू पानी का ज़्यादा सेवन हड्डियों को कमज़ोर कर सकता है।
बाकी सभी चीज़ों की तरह, नींबू का सेवन भी संतुलित मात्रा में करना चाहिए। पोषण विशेषज्ञ अक्सर उबलते या बहुत गर्म भोजन में नींबू का रस न डालने की सलाह देते हैं, क्योंकि विटामिन सी गर्मी के प्रति संवेदनशील होता है और इसके पोषक तत्व कम हो सकते हैं। खाना पकने या थोड़ा ठंडा होने के बाद नींबू डालें।
दाल या हरी सब्ज़ियों में नींबू का रस डालने से आयरन और अन्य पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है और दाल पचने में भी आसान हो जाती है। नींबू निस्संदेह एक स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट सामग्री है, लेकिन इसका इस्तेमाल सोच-समझकर करना ज़रूरी है। अपने शरीर की आवाज़ सुनें और अगर आपको कोई असुविधा महसूस हो, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।
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