Operation Sindoor: India के सामने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम बेकार, दुश्मनों के लिए मौत की घंटी है S-400

Youth Jagran
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Operation Sindoor: भारत के पास आधुनिक रेंज का एयर डिफेंस सिस्टम है। इसमें रूसी, इजरायली और स्वदेशी मिसाइल सिस्टम शामिल हैं। इसे पाकिस्तान से कहीं ज्यादा एडवांस माना जाता है। पाकिस्तान मुख्य रूप से चीन द्वारा सप्लाई किए जाने वाले सिस्टम पर निर्भर है। भारत (India) के पास रूसी मूल का शक्तिशाली S-400 है जो सतह से हवा में वार कर सकता है। इसके अलावा कंधे से दागी जाने वाली इग्ला-एस मिसाइलों का पूरा सेटअप है। S-400 की मदद से दुश्मन के रणनीतिक बमवर्षक, जेट, जासूसी विमान, मिसाइल और ड्रोन को 380 किलोमीटर की दूरी तक ट्रैक करके नष्ट किया जा सकता है। वहीं, इग्ला-एस (Igla-S) की रेंज 6 किलोमीटर है।

पाकिस्तान की एयर डिफेंस का मुख्य आधार चीनी मूल का HQ-9 मिसाइल सिस्टम है, जिसकी मूल रेंज 120 किलोमीटर है। इसके अपडेटेड वर्जन की रेंज 300 किलोमीटर तक जाती है। इसके अलावा, फ्रांसीसी मूल का स्पाडा एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम भी है, जिसकी रेंज 20-25 किलोमीटर है, जिसका इस्तेमाल वायुसेना और अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा में किया जाता है।

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S-400 गेम चेंजर है
एक अधिकारी ने कहा, “S-400 सिस्टम, जिसमें 120, 200, 250 और 380 किलोमीटर की रेंज वाली चार तरह की मिसाइलें हैं, एचक्यू-9 से कहीं बेहतर है। यह हमारी वायु रक्षा कवरेज के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसे भारतीय वायुसेना के एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (आईएसीसीएस) में पूरी तरह से एकीकृत किया गया है।”

रूस के साथ 2018 में 5.4 बिलियन डॉलर (करीब 40,000 करोड़ रुपये) के अनुबंध के तहत, भारतीय वायुसेना ने चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में तीन एस-400 स्क्वाड्रन तैनात किए हैं। हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण शेष दो एस-400 स्क्वाड्रन की डिलीवरी 2026-27 तक स्थगित कर दी गई है।

पूरी तरह से स्वचालित IACCS नेटवर्क, जो विभिन्न रडार और हथियार प्रणालियों को जोड़ता है, अब धीरे-धीरे सैन्य और नागरिक रडार को भी एकीकृत कर रहा है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, “नई प्रणाली के साथ, वायु सेना और सेना के रडार डेटा को मिलाकर सभी वायु रक्षा केंद्रों को एकीकृत और वास्तविक समय की हवाई छवियां उपलब्ध कराई जा रही हैं।”

भारत अपनी स्वयं की लंबी दूरी की स्वदेशी LR-SAM प्रणाली पर भी काम कर रहा है, जिसे कुशा परियोजना के तहत विकसित किया जा रहा है। इसकी रेंज लगभग 350 किमी होगी और यह 2028-29 तक तैयार हो जाएगी।

मौजूदा मिसाइलें
बराक-8: 70+ किमी की रेंज वाली MR-SAM प्रणाली, जिसे भारत और इज़राइल ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसे सेना, नौसेना और वायु सेना में शामिल किया गया है।

आकाश मिसाइल प्रणाली: स्वदेशी रूप से विकसित, जिसकी रेंज 25 किमी है। इसे कई देशों में निर्यात भी किया जा रहा है। स्पाइडर (इज़रायली सिस्टम): 15 किलोमीटर की रेंज वाली त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली। पेचोरा, ओएसए-एके-एम, एल-70 और डीआरडीओ की वीएसएचओआरएडीएस प्रणाली (6 किलोमीटर तक) जैसी पुरानी रूसी प्रणालियाँ भी परीक्षण के दौर में हैं।

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