NEET UG Result Success Story: NEET भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में टॉपर्स की कई ऐसी कहानियां सामने आती हैं जो हर छात्र के लिए सीख और प्रेरणा का स्रोत बन जाती हैं। आज हम आपके लिए माधुरी रेड्डी (Madhuri Reddy) की कहानी लेकर आए हैं, जिनकी सफलता की कहानी पढ़ने के बाद यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि सफलता वह मंजिल है जो निरंतर प्रयास, अटूट दृढ़ संकल्प और अनगिनत घंटों की समर्पित मेहनत से हासिल होती है।
NEET UG रिजल्ट में 7वीं रैंक (7th rank in NEET UG result)
माधुरी रेड्डी बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती थीं। उन्होंने साल 2019 के NEET रिजल्ट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) में 7वीं रैंक हासिल कर सफलता हासिल की है। NEET एक ऐसी परीक्षा है जो मेडिकल कॉलेज (medical college) में एडमिशन दिलाती है। माधुरी ने 720 में से 695 अंक हासिल किए हैं। उनका पर्सेंटाइल 99.999 है। पर्सेंटाइल का मतलब है कि उन्होंने कितने प्रतिशत छात्रों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
महिला वर्ग में हासिल की पहली रैंक (Achieved first rank in women’s category)
माधुरी महिला वर्ग में पहले और कुल मिलाकर 7वें स्थान पर रहीं। उनका बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था। इसलिए, उन्होंने कक्षा 7 में मेडिकल की तैयारी के लिए एक फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लिया। एक निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ाई के दौरान, उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का फैसला किया।
रोजाना 10 से 12 घंटे पढ़ाई (Studied 10 to 12 hours daily)
माधुरी बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थीं और उन्होंने कक्षा 12 में 98.6% अंक हासिल किए। वह हर दिन 10-12 घंटे पढ़ाई करती थीं। उन्होंने AP EAMCET 2019 में भी 5वीं रैंक हासिल की।
इसके अलावा, NEET में 7वीं रैंक हासिल करके माधुरी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया। उनके पिता तिरुपति रेड्डी एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं। उनकी माँ एक गृहिणी हैं। उनके परिवार की निरंतर प्रेरणा और शिक्षकों के मार्गदर्शन ने उन्हें अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद की।
नीट के साथ एम्स और जिपमर की परीक्षा दी (Gave AIIMS and JIPMER exams along with NEET)
माधुरी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और जवाहरलाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (जिपमर) की प्रवेश परीक्षा भी दी है। एम्स और जिपमर भी बड़े मेडिकल कॉलेज हैं। पढ़ाई के अलावा उन्हें बैडमिंटन खेलना, फिल्में देखना और क्रिकेट मैच देखना जैसे खेलों में भी रुचि है।
सफलता का सार है समर्पण और कड़ी मेहनत (Dedication and hard work are the essence of success)
सफलता के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी माधुरी को बधाई दी और कहा, ‘तेलंगाना की जी. माधुरी रेड्डी को दक्षिणी राज्यों की लड़कियों के बीच नीट परीक्षा में टॉप करने के लिए बधाई। वह कई छात्रों के लिए प्रेरणा हैं जो अच्छा करना चाहते हैं। भविष्य के लिए शुभकामनाएं। #नीट #नीट2019’ #NEET #NEET2019
माधुरी की कहानी हमें बताती है कि सफलता पाने के लिए समर्पण और कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी तरह तैयार है, तो सबसे कठिन चुनौती भी उसे रोक नहीं सकती। ऐसी ही एक कहानी है हैदराबाद की माधुरी रेड्डी की।
क्या सूर्यकुमार यादव का ऐतिहासिक कैच अवैध माना जाएगा?
2024 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में डेविड मिलर ने हवाई शॉट मारा, लेकिन सूर्यकुमार यादव बाउंड्री के अंदर भागे और गेंद को हवा में फेंक दिया। संतुलन बिगड़ने के कारण वह बाउंड्री के पार चले गए, लेकिन तब तक गेंद हवा में फेंक चुके थे। इसके बाद सूर्या ने बाउंड्री के अंदर आकर कैच पूरा किया। नए नियमों के मुताबिक सूर्या का कैच वैध माना जाएगा, लेकिन माइकल नेसर जैसे कैच अब अवैध माने जाएंगे।
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