Jyoti Malhotra News: हरियाणा के हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (YouTuber Jyoti Malhotra) मुश्किल में फंस गई हैं, उन पर पाकिस्तान (Pakistan) के लिए जासूसी करने का आरोप है, वहां के एजेंटों के साथ कई संवेदनशील जानकारियां साझा की गई हैं। पुलिस के मुताबिक ज्योति पहलगाम आतंकी हमले से पहले ही पाकिस्तान चली गई थी। फिलहाल वह 5 दिन की पुलिस हिरासत में है और उससे लगातार पूछताछ की जा रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट (Official Secrets Act, 1923) की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। ऐसे में आइए सरल शब्दों में समझने की कोशिश करते हैं कि इन धाराओं का असल में क्या मतलब है और अपराध साबित होने पर कितनी सजा हो सकती है
क्या है ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट?
सरकारी गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act, 1923) एक बहुत पुराना कानून है जिसका इतिहास ब्रिटिश काल से शुरू होता है। पहले इस कानून को भारतीय सरकारी गोपनीयता अधिनियम The Indian Official Secrets Act (Act XIV), 1889 के नाम से जाना जाता था। इस कानून के तहत ब्रिटिश शासन के खिलाफ बोलने वालों पर कार्रवाई की जाती थी, उनका मुंह बंद कर दिया जाता था। बाद में इस कानून में कुछ बदलाव किए गए और फिर भारतीय सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1904 आया। इसी तरह कुछ और सालों के बाद 1923 में कुछ और बदलावों के साथ इस कानून को अधिसूचित किया गया।
ज्योति को कितनी सज़ा मिलेगी?
अब इस कानून की धारा 3 और धारा 5 के तहत यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। धारा 3 की बात करें तो यह पूरी तरह से उन लोगों पर लागू होती है जिन पर जासूसी (SPY) का आरोप होता है। अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी कारण से ऐसी जगह जाता है जहां जाना प्रतिबंधित है या जहां जाने से देश की सुरक्षा को खतरा है, इसके अलावा अगर कोई ऐसा स्केच या मॉडल बनाया जाता है जिससे दुश्मन को किसी भी तरह से फायदा पहुंचता है या कोई गुप्त कोड या पासवर्ड दूसरों के साथ शेयर किया जाता है, अगर इनमें से कुछ भी होता है तो धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
अब यहां समझने वाली बात यह है कि ऐसे मामलों में 3 साल तक की सजा होगी, लेकिन अगर जानकारी सेना, सेना, नौसेना, वायुसेना या किसी अन्य रक्षा सौदे या रहस्य से जुड़ी है, तो उस स्थिति में 14 साल की जेल हो सकती है।
इस कानून की धारा 5 कहती है कि अगर कोई दुश्मन के साथ या किसी ऐसे व्यक्ति के साथ गुप्त कोड शेयर करता है जिसके पास वह जानकारी नहीं होनी चाहिए, तो उस स्थिति में भी इस कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। अब यहां यह महत्वपूर्ण नहीं है कि वह जानकारी कैसे शेयर की गई है, लापरवाही के कारण या किसी उद्देश्य से, अगर गुप्त जानकारी शेयर की गई है तो मामला दर्ज किया जाएगा। बड़ी बात यह है कि सूचना देने वाले व्यक्ति पर ही नहीं, बल्कि जिस व्यक्ति को सूचना दी जा रही है, उस पर भी मुकदमा चलाया जाएगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 152
दूसरी ओर, भारतीय दंड संहिता की धारा 152 कहती है कि जो कोई भी व्यक्ति जानबूझकर अलगाववादी गतिविधियों की भावनाओं को बढ़ावा देता है, चाहे वह बोले गए शब्दों से हो या लिखित रूप से, या संकेतों से, या दृश्य चित्रण से, या इलेक्ट्रॉनिक संचार से या वित्तीय साधनों के उपयोग से, या भारत की अखंडता को खतरे में डालता है, उसे सात साल तक की कैद की सजा हो सकती है और जुर्माना भी देना होगा।
ये भी पढ़ें-:
Operation Sindoor: ब्रह्मोस, बराक और आकाशतीर वो हथियार जिनसे इंडिया ने पाकिस्तान में मचाई तबाही
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में India ने 15 ब्रह्मोस दागीं, पाकिस्तान के 13 में से 11 एयरबेस को बनाया निशाना
Rahul Gandhi Bihar Visit: राहुल गांधी को लेकर CM Nitish से भिड़े तेजस्वी यादव, किया बड़ा हमला