Chhath Puja 2023: छठ महापर्व बिहार में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. साथ ही अब पूरे देश में भी बहुत ही धूमधाम मनाया जाता है. लेकिन छठ महापर्व बिहार से जुड़े हैं. आइये जानते हैं छठ महापर्व बिहार में क्यों मनाया जाता है.

छठ का महापर्व बिहार में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन अब इस महापर्व की धूम देश के अलग-अलग कोने में भी दिख रहा है.
छठ महापर्व पूजा का इतिहास बिहार से जुड़ा है. मान्यताओं की माने तो छठ पूजा की परंपरा बिहार में महाभारत काल से जुड़ी हुई है. दौपदी और पांडवों ने छठ पूजा का व्रत रखा था. उन्होंने अपने राज्य को वापस पाने के लिए यह व्रत रखा था.
जब पांडव सारा राजपाठ जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था. इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को सब कुछ वापस मिल गया. इसलिए छठ के मौके पर सूर्य की आराधना फलदायी मानी जाती है.

नि: संतान महिलाएं अगर यह पूजा करती हैं, तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है. कथाओं के अनुसार बिहार राज्य में छठ पूजा की शुरूआत महाभारत के काल में हुई थी. पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्यपुत्र कर्ण का संबंध बिहार के मुंगेर जिले से था.

इसीलिए ये बात इस बात का प्रमाण देती है कि छठ पूजा की शुरुआत बिहार के मुंगेर जिले से हुई थी और आज भी बिहार के जिले में इस पर्व को बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है.
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