Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) दुनिया के एक ऐसे महान विचारक थे, जिनकी नीतियां आज भी हमारे जीवन में पूरी तरह लागू होती हैं। राजनीति (politics), जीवनशैली (lifestyle) और रिश्तों (relationships) पर उन्होंने गहरी समझ और अनुभव के साथ जो बातें कहीं, वो आज के समय में भी उतनी ही सटीक लगती हैं। खासकर जब रिश्तों की बात आती है, तो चाणक्य ने कुछ खास लोगों से रिश्तों को हमेशा संभाल कर रखने की सलाह दी है। उनका मानना था कि अगर इन रिश्तों को नजरअंदाज किया जाए, तो जीवन में पछतावा तय है। आइए जानते हैं वो कौन से 3 रिश्ते हैं, जिन्हें चाणक्य ने सबसे अहम बताया है।
माता-पिता से रिश्ता
चाणक्य ने कहा था कि माता-पिता इस दुनिया में सबसे बड़े गुरु और भगवान हैं। उन्होंने हमें जन्म दिया, पाला-पोसा और चलना सिखाया। अगर हम उनका सम्मान नहीं करेंगे, तो हमें जीवन में कभी शांति नहीं मिलेगी। उनके आशीर्वाद में बहुत शक्ति होती है। जो लोग अपने माता-पिता को दुख पहुंचाते हैं, बाद में वे खुद भी दुख भोगते हैं।
सच्चे दोस्त से रिश्ता
सच्चा दोस्त ही हमारी असली ताकत होता है। चाणक्य कहते थे कि जब समय खराब हो तो वही सच्चा मित्र हमारे साथ खड़ा होता है। ऐसे मित्र बहुत कम मिलते हैं, इसलिए उनका सम्मान करना चाहिए। उनसे झूठ नहीं बोलना चाहिए और न ही धोखा देना चाहिए। अगर ऐसे रिश्ते टूट जाएं तो व्यक्ति को जीवन भर पछताना पड़ता है। गुरु से रिश्ता गुरु हमें सही और गलत में फर्क करना सिखाते हैं। चाणक्य का मानना था कि गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है। जो व्यक्ति अपने गुरु का सम्मान करता है, वह जीवन में कभी हारता नहीं है। गुरु की बातें और शिक्षाएं हमेशा काम आती हैं। अगर कोई गुरु का अनादर करता है तो उसका भविष्य अंधकार में डूब सकता है।
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